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रोहतासगढ़ रोपवे परीक्षण के दौरान बड़ा हादसा टला, ऊपरी स्टेशन और टावर ढहे, जांच के आदेश

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रोहतास।कैमूर पहाड़ियों में स्थित ऐतिहासिक रोहतासगढ़ में निर्माणाधीन रोपवे परियोजना के परीक्षण के दौरान बड़ा हादसा होते-होते टल गया। रोहतास नगर पंचायत को रोहितेश्वर धाम से जोड़ने वाले रोपवे का ऊपरी स्टेशन और उससे जुड़ा टावर अचानक ढह गया। परीक्षण के दौरान लगाए गए चार केबिन और सहायक खंभे नीचे गिर पड़े, हालांकि मौके पर मौजूद कर्मचारियों और तकनीकी कर्मियों की सतर्कता से कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।
घटना की सूचना मिलते ही बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड (बीआरपीएएनएल) के निदेशक ने तत्काल संज्ञान लेते हुए उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए। अध्यक्ष की अध्यक्षता में एक विशेष समिति का गठन किया गया है, जिसे 24 घंटे के भीतर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। इसके साथ ही, परियोजना के डिजाइन और निर्माण गुणवत्ता की स्वतंत्र जांच के लिए आईआईटी पटना की विशेषज्ञ टीम से ऑडिट कराने का निर्णय लिया गया है।
बताया जा रहा है कि यह बहुप्रतीक्षित रोपवे परियोजना 31 दिसंबर तक पूरी होनी थी। ऐसे में इस घटना ने निर्माण कार्य और सुरक्षा मानकों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह हादसा ऐसे समय पर हुआ है, जब कुछ महीने पहले इसी क्षेत्र में सोन नदी पर बन रहे पुल के खंभे गिरने की घटना सामने आई थी, जिसके बाद उसका निर्माण कार्य रोकना पड़ा था।
रोपवे ढहने की खबर फैलते ही आसपास के गांवों के लोग मौके पर पहुंच गए। स्थानीय लोगों में चिंता और नाराजगी साफ दिखाई दी। लोगों का कहना है कि जब परीक्षण के दौरान सीमित भार भी संरचना सहन नहीं कर पाई, तो पूर्ण संचालन के दौरान यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर आशंका बनी हुई है। कई ग्रामीणों ने इसे जनविश्वास के साथ खिलवाड़ बताया।
बीआरपीएएनएल के वरिष्ठ अभियंता खुर्शीद करीम ने बताया कि रोपवे का ट्रायल रन चल रहा था। इस दौरान भार बढ़ाने के क्रम में एक तार के फंस जाने से संतुलन बिगड़ा और ढांचा ढह गया। उन्होंने कहा कि परियोजना के कुछ हिस्सों का काम अभी बाकी है और निर्माण चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। नुकसान का आकलन करने और आवश्यक सुधारात्मक कदम सुझाने के लिए कोलकाता से तकनीकी विशेषज्ञों की टीम भी स्थल का निरीक्षण करेगी।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक सभी तकनीकी परीक्षण पूरी तरह संतोषजनक ढंग से पूरा नहीं हो जाते, तब तक रोपवे को आम लोगों के लिए शुरू नहीं किया जाएगा। पुनर्निर्माण पर आने वाला पूरा खर्च निर्माण एजेंसी द्वारा वहन किया जाएगा।
इस बीच, पूर्व मुखिया संतोष कुमार भोला ने इस घटना को रोहतास नगर पंचायत के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बताया और निर्माण गुणवत्ता की गहन जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र एक बड़े हादसे से बाल-बाल बचा है और जिम्मेदार लोगों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

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